कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना (Train Accident) 2024

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 17 जून की सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस के तीन पीछे के डिब्बे पटरी से उतर गए, इस ट्रेन दुर्घटना (Train Accident) में सात यात्रियों और दो रेलवे कर्मचारियों सहित नौ लोगों की मौत हो गई और लगभग 60 अन्य घायल हो गए। रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और 32 को साधारण या मामूली चोटें आईं। घायलों को तुरंत ही इलाज के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ उपचार के दौरान कुछ गंभीर रूप से घायल लोगो की मौत गयी।

मोदी जी ने रेल दुर्घटना (Train Accident) पर व्यक्त किया दुख

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में हुई इस दुःखद ट्रेन दुर्घटना (Train Accident)पर शोक व्यक्त किया तथा ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना भी की। यह दुर्घटना उत्तर बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर हुई जहाँ रंगापानी स्टेशन के पास मालगाड़ी के इंजन की टक्कर के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस के तीन पीछे के डिब्बे पटरी से उतर गए।

रेल दुर्घटना (Train Accident) पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल का दौरा किया और बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने ट्रेन दुर्घटना (Train Accident) के कारणों की जांच शुरू कर दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स (X) पर पोस्ट किया “कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”

जब सुबह 8.55 बजे मालगाड़ी ने पीछे से उसे टक्कर मारी थी उस समय त्रिपुरा के सबरूम से 1,300 लोगों को लेकर कोलकाता के सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी टर्मिनस से करीब 30 किलोमीटर दूर रंगापानी के बाहर धीमी हो गई थी।

इस ट्रेन दुर्घटना (Train Accident) के पश्चात पश्चिम बंगाल के बारासात के अभिनाथ मुखर्जी (जो अगरतला में ट्रेन में सवार हुए थे) ने कहा, “अचानक, हम सभी ने एक तेज आवाज सुनी। सब कुछ उल्टा हो गया और हमारा डिब्बा हवा में लटक गया। हम करीब 15 मिनट तक ऐसे ही असहाय रहे, जब तक कि स्थानीय लोग हमारी मदद के लिए नहीं आ गए। मैंने कम से कम दो लोगों को मरते देखा होगा,” ।

सिग्नलिंग दोषों से प्रभावित खंड से गुजरने वाले ट्रेन ड्राइवरों को टी/ए 912 नामक एक दस्तावेज जारी किया जाता है जिसमें इस सेक्शन से गुजरने वाले सभी ट्रेन चालकों को दिन के समय हर सिग्नल के सामने कम से कम एक मिनट और रात के समय दो मिनट तक इंतजार करना होता है।

ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू

हालांकि मंगलवार सुबह कंचनजंगा एक्सप्रेस की ट्रेन दुर्घटना (Train Accident) से डाउन लाइन पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू कर दी गयी है। रेलवे ट्रैक की पूरी तरह से मरम्मत का काम भी पूरा हो चुका है। बता दें की पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर में 17 जून को नौ लोगों की मौत हो गई थी और इस ट्रेन दुर्घटना (Train Accident) में 60 लोग भी घायल हो गए। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार शाम दुर्घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने पास के अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से भी मुलाकात की।

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