राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा जहरीली हो चुकी है, पूरा दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर बन चुका है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 का आंकड़ा छू चुका है और प्रदूषण आपातकाल की स्थिति में आ पहुंचा है। ऐसे में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम ने राज्यों को 2021 में जारी दिशानिर्देशों की याद दिलाते हुए कहा कि प्रदूषण का स्तर 500 या इससे ऊपर होने का मतलब है कि हालात आपातकाल जैसे हो चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर में हर तरफ धुआं-धुआं है।
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राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्रों में एक्यूआई 500 पर पहुंच गया। ऐसे में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) ने अपने पुराने दिशा-निर्देशों को याद दिलाते हुए कहा है कि यह प्रदूषण का आपातकाल है। ऐसी स्थिति में इन्सानों के लिए वायु प्रदूषण और भी ज्यादा जोखिम भरा हो जाता है। यह सीधे तौर पर मस्तिष्क, फेफड़े, दिल और आंखों के साथ साथ किडनी और त्वचा को भी प्रभावित करने लगता है। इसकी वजह से मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए सभी जिला अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक को अलर्ट पर रखने के लिए कहा है।