दिवाली का तोहफा : केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के DA में 3% की बढ़ोतरी की, बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50% से बढ़कर 53% हो गया
दिल्ली (संदीप कुमार): केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) में 3% बढ़ोतरी की गई है।
60 लाख पेंशनर्स को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में डीए में बढ़ोतरी पर फैसला किया गया। दिवाली से पहले हुई इस बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50% से बढ़कर 53% हो गया है। इसका फायदा करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को होगा। डीए प्रत्येक छह माह में बढ़ता है। बढ़ा हुआ DA 1 जुलाई से लागू होगा। कर्मचारियों को 3 माह का एरियर मिलेगा।
10,000 बेसिक सैलरी पर 330 रुपये का फायदा
इसके लिए नीचे लिखे फॉर्मूला में अपनी सैलरी भरें..(बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA% = DA अमाउंट
आसान भाषा में समझें तो बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमे महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डेअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है। अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी 10 हजार रुपये और ग्रेड पे 1000 रुपये है।
दोनों को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपये हुआ। ऐसे में बढ़ने के बाद 53% महंगाई भत्ते के लिहाज से देखें, तो यह 5,830 रुपये हुआ। सबको जोड़कर आपकी टोटल सैलरी 16,830 रुपये हुई। वहीं 50% DA के लिहाज से आपको 16,500 रुपये सैलरी मिल रही है। यानी 3% DA बढ़ने के बाद हर महीने 330 रुपए का फायदा होगा।
महंगाई से निपटने को मिलता है DA
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं।
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ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?
यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलता है। इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है।
इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है।