कंगना रनौत के एक बयान से बढ़ी बीजेपी की मुश्किलें

कंगना रनौत

Kangana Ranaut Controversy: एक बार फिर फिल्म अभिनेत्री व हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद कंगना रनौत के एक बयान ने भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब उनके किसी बयान ने पार्टी को सांसत में डाल दिया है। इसके पूर्व वह कई बार अपने बयानों के कारण चर्चा में रही हैं और पार्टी को संकट में डाला है। आइए जानते हैं कि कंगना के अटपटे बोलों की एक फेहरिस्त, जिसके चलते वह सुर्खियों में रहीं …..

किसान आंदोलन पर अटपटे बयान

दिसंबर 2020 में 88 साल की बुजुर्ग महिला किसान महिंदर कौर झुकी हुई कमर के बावजूद झंडा लिए पंजाब के किसानों के साथ मार्च करती नजर आ रही थीं। महिंदर कौर की इस तस्वीर के बाद सोशल मीडिया पर उनकी तुलना शाहीन बाग प्रदर्शन की अगुवाई करने वाली बिलकीस दादी से भी की जाने लगी थी। उस वक्त कंगना रनौत ने बिलकीस और महिंदर कौर दोनों की तस्वीरें एक साथ ट्वीट करते हुए तंज कसा था, “हा हा… ये वही दादी हैं, जिन्हें टाइम मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था….और ये 100 रुपये में उपलब्ध हैं।

राहुल गांधी पर टिप्पणी

संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी ने शिव और महाभारत की कथा के चक्रव्यूह का जिक्र किया था। कंगना ने राहुल गांधी पर बयान दिया था कि ‘वो जिस तरह की बदहवास बातें करते हैं उनका टेस्ट होना चाहिए कि क्या हो कई ड्रग्स लेते हैं।

शंकराचार्य पर उठाए सवाल

कंगना रनौत ने शंकराचार्य के ऊपर भी जुलाई के महीने में सवाल खड़े किए थे। महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों की टूट और एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने लिखा था कि ‘राजनीतिज्ञ राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा।
शंकराचार्य जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें करके हिन्दू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। कंगना रनौत के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर कंगना के समर्थक और विरोधी आपस में भिड़ गए थे।

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देश को असली आजादी साल 2014 में मिली

साल 2021 में कंगना रनौत ने कहा था कि भारत को वर्ष 1947 में भीख में आजादी मिली थी। देश को असली आजादी वर्ष 2014 में मिली। दरअसल, भारत को अंग्रेजों से वर्ष 1947 में 15 अगस्त के दिन आजादी मिली थी। यह आजादी लंबी लड़ाई और संघर्ष के बाद मिली थी, जबकि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया।

तापसी और स्वरा को कहा बी ग्रेड अभिनेत्री

अभिनेत्री तापसी पन्नू और स्वरा भास्कर पर कंगना की एक टिप्पणी सोशल मीडिया पर बहस में बदल गई थी। कंगना ने एक साक्षात्कार में दोनों अभिनेत्रियों को बी-ग्रेड अभिनेत्री बताया था।

क्या कहा कांगना ने कि भाजपा ने किया किनारा

कंगना ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि बांग्लादेश में हाल में हुए आंदोलन और सत्ता परिवर्तन को भारत के किसान आंदोलन से जोड़ा और कहा यहां पर जो किसान आंदोलन हुए वहां पर लाशें लटकी थीं वहां रेप हो रहे थे। किसानों की बड़ी लंबी योजना थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। इस तरह के षडयंत्र में चीन, अमेरिका का हाथ है। विदेशी शक्तियां यहां काम कर रही हैं।

भाजपा ने कंगना रनौत के बयान पर सख्त टिप्पणी की है। पार्टी ने कहा है कि यह भाजपा का मत नहीं है। पार्टी उनके बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।

विपक्ष को मिला मौका

कंगना रनौत के किसानों पर दिए बयान के बाद विपक्ष खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को भाजपा पर पलटवार का मौका मिल गया है। पंजाब में आप की सरकार है जहां से बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल हुए थे। इसके अलावा अगले कुछ दिनों में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां के किसान भी कई तरह की मांगों को लेकर आंदोलन में उतर चुके हैं। कांग्रेस ने एक प्रेस कांफ़्रेस कर केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा से सवाल किया है कि वह अमेरिका और चीन की भूमिका के बारे में बताए और अगर यह गलत है तो जिसने ऐसा बोला है उन्हें पार्टी से बाहर करें।

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