लखनऊ : उप्र में गाजियाबाद समेत नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी गई। इसके साथ ही जिन जिलों में उपचुनाव होने होने हैं, उनमें आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी गई है। उपचुनाव को लेकर भाजपा उम्मीदवारों की नामों की अब तक घोषणा नहीं हो सकी है। प्रत्याशियों की घोषणा से पहले दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ मंथन का एक और दौर शुरू होगा। उम्मीद है कि 21-22 अक्टूबर तक भाजपा प्रत्याशियों का नाम तय हो जाएगा।
नामांकन की अंतिम तारीख 25 अक्टूबर
उप्र के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर के अनुसार, शुक्रवार को उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर शुक्रवार को है और जांच का काम 28 अक्टूबर को होगा। नाम वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है। राज्य में उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी। उपचुनाव को लेकर मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, मैनपुरी, कानपुर नगर तथा प्रयागराज में आदर्श आचार संहिता लागू की गई है।
इन सीटों पर है चुनाव
उप्र में मुजफ्फरनगर की मीरापुर, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद जिले की गाजियाबाद नगर, अलीगढ़ की खैर, मैनपुरी की करहल, कानपुर नगर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर और अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना था, लेकिन चुनाव आयोग की इस पर चुनाव कराए जाने की घोषणा नहीं की थी।
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भाजपा के अब तक नामों की घोषणा नहीं
इसी बीच उपचुनाव में उम्मीदवारों के नामों पर भाजपा में मंथन का दौर जारी है। यह इंतजार अभी और खींच सकता है। माना जा रहा है कि दिल्ली में एक और दौर की बातचीत के बाद प्रत्याशियों के नाम को फाइनल किया जाएगा। भाजपा 21 या 22 अक्टूबर को नामों की घोषणा करेगी।
सपा प्रत्याशियों का इंतजार या कुछ और?
भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा में विलंब की एक वजह सपा के सभी प्रत्याशियों का इंतजार भी बताया जा रहा है। सपा ने अभी छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। बीते रविवार उपचुनाव को लेकर दिल्ली में हुई भाजपा की अहम बैठक में प्रत्याशियों के पैनल पर शीर्ष स्तर पर चर्चा हो चुकी है। बैठक में यह भी तय किया गया था कि मीरापुर को रालोद के लिए छोड़कर पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह सीट पहले भी रालोद के पास ही थी। निषाद पार्टी को कोई सीट नहीं देने की बात सामने आई थी। हालांकि, निषाद पार्टी के प्रमुख व योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद की नाराजगी को देखते हुए मझवां सीट पर पुनर्विचार के संकेत भी मिले हैं।