अफसरो ने नहीं की सुनवाई, सीएम से मिलने के लिए बुजुर्ग ने साइकिल से किया 600 किमी का सफर

साइकिल से पहुंच गया बुजुर्ग

अफसरो ने नहीं की सुनवाई, साइकिल से 600 किमी का सफर करके सीएम से मिलने लखनऊ पहुंच गया बुजुर्ग

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा कथित तौर शिकायत को नजरअंदाज करने से एक बुजुर्ग शख्स इस कदर नाराज हो गया कि वो सीएम योगी से मिलने लखनऊ के लिए साइकिल से रवाना हो गया है.शामली से लखनऊ तक की दूरी करीब 600 किलोमीटर है. शामली के चंदेनामल गांव के बुजुर्ग कंवर सिंह सीएम योगी से मिलने के साथ-साथ सरकारी तालाब पर अतिक्रमण के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए शामली से निकले हैं.

पुलिस ने यात्रा को रोकने की कोशिश की

बुजुर्ग कंवर सिंह ने मंगलवार को अपनी यात्रा शुरू की. इस बीच नायब तहसीलदार सहित स्थानीय अधिकारी उन्हें पुलिस स्टेशन लेकर चले गए और उनकी साइकिल यात्रा को रोकने की कोशिश की. हालांकि इसके बावजूद कंवर सिंह अपनी जिद पर अड़े रहे और फिर से अपनी यात्रा शुरू कर दी. मेरठ तक लगभग 140 किमी की दूरी तय करने के बाद, कंवर सिंह ने बुधवार को टीओआई को बताया, ‘अधिकारियों ने मुझे मेरी यात्रा की शुरुआत में रोकने की कोशिश की. मुझे पुलिस स्टेशन ले गए और लगभग चार घंटे बर्बाद किए, लेकिन किसी ने भी अपना नाम मुझे नहीं बताया.’

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तालाब पर अतिक्रमण से नाराज बुजुर्ग

उन्होंने आगे कहा, ‘गांव के लोग पानी की आपूर्ति के लिए सरकारी तालाब पर निर्भर हैं और इसपर अतिक्रमण होने से भूजल स्तर कम हो जाएगा और जल निकासी की समस्या पैदा हो जाएगी. मैं इसे (साइकिल यात्रा) फरवरी में शुरू करना चाहता था, लेकिन अधिकारियों ने मुझे कार्रवाई का आश्वासन देकर रोक दिया. हालांकि, कई शिकायतों के बावजूद डीएम रवींद्र सिंह ने कार्रवाई नहीं की है. मैं अब अपनी शिकायत सीधे सीएम से करने का इरादा रखता हूं.’

भतीजे और भाई भी साथ देने के लिए निकले

इस बीच, सिंह का परिवार उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है, खासकर पुलिस के साथ उनकी शुरुआती विवाद के बाद. बुजुर्ग की यात्रा बिना किसी व्यवधान के जारी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए उनके भतीजे रोहित कुमार और भाई अनिल कुमार मेरठ में उनके साथ शामिल हो गए हैं. रोहित ने कहा, “अगर पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी उन्हें दोबारा रोकने की कोशिश करते हैं तो हम उनका समर्थन करने के लिए मेरे चाचा के साथ जा रहे हैं.”

शामली के उपमंडल अधिकारी विनय प्रताप सिंह ने कहा, “तालाब पर अतिक्रमण का मामला नियमानुसार तहसीलदार न्यायालय में चल रहा है. वहां हारने के बाद विरोधी पक्षों ने डीएम कोर्ट में अपील की है, जहां मामला फिलहाल विचाराधीन है.

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